केंद्रीय योजनायें
केंद्रीय योजनाएं
13 वां वित्त आयोग
केंद्र सरकार द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत न्यायपालिका के लिए अधोसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए राशि प्रदान की जाती है। योजना के अंतर्गत प्राप्त राशि का उपयोग जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों/न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासगृहों के निर्माण एवं न्यायालय भवनों के निर्माण हेतु किया जाता है।
केंद्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त राशि का उपयोग राज्य सरकार द्वारा 75:25 (75 प्रतिशत केन्द्र का अंश एवं 25 प्रतिशत राज्य का अंश) के अनुपात में किया जाता है।
केंद्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत न्यायिक अधोसंरचना के विकास हेतु राज्य शासन द्वारा विगत 5 वर्षों में 22 न्यायालय भवन, 102 न्यायालय कक्ष एवं 85 न्यायिक अधिकारी/ कर्मचारियों हेतु आवासगृह निर्मित किए जा चुके है। साथ ही 21 न्यायालय भवन, 56 न्यायालय कक्ष एवं 147 आवासगृहों का निर्माण कार्य चल रहा है।
केंद्र प्रवर्तित योजनाएं
13वें वित्त आयोग के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा जस्टिस डिलीवरी में सुधार हेतु विभिन्न मदों के अंर्तगत 2010 से 2015 तक की अवधि के लिये मध्यप्रदेश राज्य हेतु 407.38 करोड रुपये का आवंटन किया गया है।
13वें वित्त आयोग के अंर्तगत निम्न मदों में राशि प्रदान की जाती है:-
(राशि रूपयें करोड़ में)
क्र . | योजना/मद का नाम | वर्ष 2010-2015 हेतु प्रावधानित राशि |
1. | प्रातः/सांध्यकालीन/विशेष न्यायिक-मेट्रोपोलिटेन मजिस्ट्रेट/शिफ्ट न्यायालयों हेतु अनुदान | 204.91 |
2. | वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्रों (ए.डी.आर. सेन्टर्स) की स्थापना एवं मीडिएटर/कंसीलिएटर के प्रशिक्षण हेतु अनुदान | 66.58 |
3. | लोक अदालत एवं विधिक सहायता | 24.59 |
4. | न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु अनुदान | 20.49 |
5. | राज्य न्यायिक अकादमियों के सुदृढीकरण | 15.00 |
6. | लोक अभियोजकों के प्रशिक्षण हेतु अनुदान | 12.29 |
7. | कोर्ट मैनेजर के पदों के सृजन | 26.63 |
8. | हैरीटेज कोर्ट बिल्डिंग के अनुरक्षण हेतु अनुदान | 36.88 |
| कुल | 407.38 |